#अभी तक #खाना मँगवाते हुए मैं केवल ये देखता था कि #रेस्टोरेंट pure veg है या नहीं। कहीं उसके मेन्यू में कोई #नॉनवेज या egg की डिश तो नहीं।
पर अब मुझे ये भी जानना है कि #किचन स्टाफ, #पैकिंग स्टाफ, #मैनेजिंग स्टाफ, सर्विंग स्टाफ में कोई मुसलमान तो नहीं। यदि रेस्टोरेंट अपने सारे स्टाफ की लिस्ट id के साथ वेबसाइट पर डालेगा तो खाना लूँगा, वरना नहीं।
यही नियम ब्रेड, रस्क, बन, पाव, कुलचे जैसी बेकरी आइटम्स पर भी लागू होगा।
आप भी #सावधान रहें, #डिमांड करें और इन फ़ूडचेन के मालिकों को समझा दें कि वो अपना सेक्युलरिज़्म अपनी जेब में रखें। हम खाने में कोई समझौता नहीं करेंगे। जब उनके लिए धर्म के आधार पर अलग से हलाल परोस सकते हैं तो हमारी भावनाओं का ख्याल भी रखना होगा। 90 प्रतिशत हिन्दू मुसलमानों के घर खाना नहीं खाते। तब पैसे देकर उनके हाथ का क्यों खायें, वो भी उनके जेहाद को देखने के बाद।
अब आपको सिर्फ इतना करना है कि इन रेस्टोरेंट के रिव्यू में लिख देना है कि *कोरोना जिहाद की वजह से आपको भरोसा नहीं कि आप जो खा रहे हैं वो किसी ने जूठा नहीं किया। आप तब ही खाना ऑर्डर करेंगे जब वो खाना बनाने से लेकर डिलीवरी तक के सारे स्टाफ के नाम पब्लिक करेंगे।*
इससे उन्हें आपकी मंशा समझ आ जायेगी और वो अपने स्टाफ को आपके हिसाब से ठीक कर लेंगे। ज़्यादा से ज़्यादा लोग ये करेंगे तो ज़्यादा से ज़्यादा असर होगा।
कोरोना के कारण दुष्टों द्वारा थूक व मल, मूत्र से दूषित किया जा रहा है उसके बचाव के लिये मक्टर ये पोस्ट है ! मेरा किसी भी व्यक्ति विशेष,पंथ,वर्ग,धर्म से कोई विरोध नही है ! अपने सनातनियों समाज और जनहित के कारण ये लेख के विचार सामाजिक कर्तव्य है ! सहमत हो तभी शेयर !
जय श्री राम 🙏🚩
पर अब मुझे ये भी जानना है कि #किचन स्टाफ, #पैकिंग स्टाफ, #मैनेजिंग स्टाफ, सर्विंग स्टाफ में कोई मुसलमान तो नहीं। यदि रेस्टोरेंट अपने सारे स्टाफ की लिस्ट id के साथ वेबसाइट पर डालेगा तो खाना लूँगा, वरना नहीं।
यही नियम ब्रेड, रस्क, बन, पाव, कुलचे जैसी बेकरी आइटम्स पर भी लागू होगा।
आप भी #सावधान रहें, #डिमांड करें और इन फ़ूडचेन के मालिकों को समझा दें कि वो अपना सेक्युलरिज़्म अपनी जेब में रखें। हम खाने में कोई समझौता नहीं करेंगे। जब उनके लिए धर्म के आधार पर अलग से हलाल परोस सकते हैं तो हमारी भावनाओं का ख्याल भी रखना होगा। 90 प्रतिशत हिन्दू मुसलमानों के घर खाना नहीं खाते। तब पैसे देकर उनके हाथ का क्यों खायें, वो भी उनके जेहाद को देखने के बाद।
अब आपको सिर्फ इतना करना है कि इन रेस्टोरेंट के रिव्यू में लिख देना है कि *कोरोना जिहाद की वजह से आपको भरोसा नहीं कि आप जो खा रहे हैं वो किसी ने जूठा नहीं किया। आप तब ही खाना ऑर्डर करेंगे जब वो खाना बनाने से लेकर डिलीवरी तक के सारे स्टाफ के नाम पब्लिक करेंगे।*
इससे उन्हें आपकी मंशा समझ आ जायेगी और वो अपने स्टाफ को आपके हिसाब से ठीक कर लेंगे। ज़्यादा से ज़्यादा लोग ये करेंगे तो ज़्यादा से ज़्यादा असर होगा।
कोरोना के कारण दुष्टों द्वारा थूक व मल, मूत्र से दूषित किया जा रहा है उसके बचाव के लिये मक्टर ये पोस्ट है ! मेरा किसी भी व्यक्ति विशेष,पंथ,वर्ग,धर्म से कोई विरोध नही है ! अपने सनातनियों समाज और जनहित के कारण ये लेख के विचार सामाजिक कर्तव्य है ! सहमत हो तभी शेयर !
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