Gyansagar ( ज्ञानसागर ) - भक्ति व् ज्ञान का अद्भुत संगम
103 subscribers
107 photos
11 videos
7 files
108 links
शिक्षाप्रद,प्रेरणादायक कहानी पढ़ने के लिए हमारे चैनल से जुड़े
Download Telegram
सुशांत सिंह राजपूत की कुछ इंस्टाग्राम तसवीरें
अरे अब तो अपने मोबाइल से हटा दीजिये चीनी ऐप्प और हाँ ज़ूम भी । यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी । वीर शहीदों को ।
3 महीने लॉकडाउन रहा तो प्रकृति शुद्ध हो गई वैसे ही 1 साल फिल्में देखना बंद कर दे तो संस्कृति भी शुद्ध हो जाएगी।
जय श्री राम🙏
बॉलीवुड का #इस्लामीकरण कैसे हुआ....?

सभी जानते हैं कि संजय दत्त के पिता सुनील दत्त एक #हिंदू थे और उनकी पत्नी फातिमा राशिद यानी नर्गिस एक मुस्लिम थीं।

लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि संजय दत्त ने हिंदू धर्म को छोड़कर इस्लाम #कबूल कर लिया लेकिन वह इतना चतुर भी है कि अपना फिल्मी नाम नहीं बदला।

जरा सोचिए कि हम सभी लोग इन कलाकारों पर हर साल कितना धन खर्च करते हैं। सिनेमा के मंहगा टिकटों से लेकर केबल टीवी के बिल तक।

हमारे नादान बच्चे भी अपने #जेबखर्च में से पैसे बचाकर इनके पोस्टर खरीदते हैं और इनके प्रायोजित टीवी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए हजारों रुपए के फोन करते हैं।

एक विचारणीय बिन्दू यह भी है कि बाॅलीवुड में शादियों का तरीका ऐसा क्यों है कि #शाहरुख खान की पत्नी गौरी छिब्बर एक हिंदू है।

आमिर खान की पत्नियां रीमा दत्ता /किरण राव और सैफ अली खान की पत्नियाँ अमृता सिंह / करीना कपूर दोनों हिंदू हैं।

इसके पिता नवाब पटौदी ने भी हिंदू लड़की शर्मीला टैगोर से शादी की थी।

फरहान अख्तर की पत्नी अधुना भवानी और फरहान आजमी की पत्नी आयशा टाकिया भी हिंदू हैं।

अमृता अरोड़ा की शादी एक मुस्लिम से हुई है जिसका नाम शकील लदाक है।

सलमान खान के भाई अरबाज खान की पत्नी मलाइका अरोड़ा हिंदू हैं और उसके छोटे भाई सुहैल खान की पत्नी सीमा सचदेव भी हिंदू हैं।

अनेक उदाहरण ऐसे हैं कि हिंदू अभिनेत्रियों को अपनी शादी बचाने के लिए #धर्म_परिवर्तन भी करना पड़ा है।

आमिर खान के भतीजे इमरान की हिंदू पत्नी का नाम अवंतिका मलिक है। संजय खान के बेटे जायद खान की पत्नी मलिका पारेख है।

फिरोज खान के बेटे फरदीन की पत्नी नताशा है। इरफान खान की बीवी का नाम सुतपा सिकदर है। नसरुद्दीन शाह की हिंदू पत्नी रत्ना पाठक हैं।

एक समय था जब मुसलमान एक्टर हिंदू नाम रख लेते थे क्योंकि उन्हें डर था कि अगर दर्शकों को उनके मुसलमान होने का पता लग गया तो उनकी फिल्म देखने कोई नहीं आएगा।

ऐसे लोगों में सबसे मशहूर नाम युसूफ खान का है जिन्हें दशकों तक हम #दिलीप_कुमार समझते रहे।

महजबीन अलीबख्श मीना कुमारी बन गई और मुमताज बेगम जहाँ देहलवी #मधुबाला बनकर हिंदू ह्रदयों पर राज करतीं रहीं।

बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी को हम जॉनी वाकर समझते रहे और हामिद अली खान विलेन अजित बनकर काम करते रहे।

हममें से कितने लोग जान पाए कि अपने समय की मशहूर अभिनेत्री रीना राय का असली नाम सायरा खान था।

आज के समय का एक सफल कलाकार जॉन अब्राहम भी दरअसल एक मुस्लिम है जिसका असली नाम फरहान इब्राहिम है।

जरा सोचिए कि पिछले 50 साल में ऐसा क्या हुआ है कि अब ये मुस्लिम कलाकार हिंदू नाम रखने की जरूरत नहीं समझते बल्कि उनका मुस्लिम नाम उनका ब्रांड बन गया है।

यह उनकी मेहनत का परिणाम है या हम लोगों के अंदर से कुछ खत्म हो गया है?

जरा सोचिए कि हम कौनसी फिल्मों को बढ़ावा दे रहे हैं?

क्योंकि ऐसा फिल्म उद्योग का सबसे बड़ा फाइनेंसर दाऊद इब्राहिम चाहता है। टी-सीरीज का मालिक गुलशन कुमार ने उसकी बात नहीं मानी और नतीजा सबने देखा।

आज भी एक फिल्मकार को मुस्लिम हीरो साइन करते ही दुबई से आसान शर्तों पर कर्ज मिल जाता है। इकबाल मिर्ची और अनीस इब्राहिम जैसे आतंकी एजेंट सात सितारा होटलों में खुलेआम मीटिंग करते देखे जा सकते हैं।

सलमान खान, शाहरुख खान, आमिर खान, सैफ अली खान, नसीरुद्दीन शाह, फरहान अख्तर, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, फवाद खान जैसे अनेक नाम हिंदी फिल्मों की सफलता की गारंटी बना दिए गए हैं।

अक्षय कुमार, मनोज कुमार और राकेश रोशन जैसे फिल्मकार इन दरिंदों की आंख के कांटे हैं।

तब्बू, हुमा कुरैशी, सोहा अली खान और जरीन खान जैसी प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों का कैरियर जबरन खत्म कर दिया गया क्योंकि वे मुस्लिम हैं और इस्लामी कठमुल्लाओं को उनका काम #गैरमजहबी लगता है।

फिल्मों की कहानियां लिखने का काम भी सलीम खान और जावेद अख्तर जैसे मुस्लिम लेखकों के इर्द-गिर्द ही रहा जिनकी कहानियों में एक भला-ईमानदार मुसलमान, एक पाखंडी ब्राह्मण, एक अत्याचारी - बलात्कारी क्षत्रिय, एक कालाबाजारी वैश्य, एक राष्ट्रद्रोही नेता, एक भ्रष्ट पुलिस अफसर और एक गरीब दलित महिला होना अनिवार्य शर्त है।

इन फिल्मों के गीतकार और संगीतकार भी मुस्लिम हों तभी तो एक गाना #मौला के नाम का बनेगा और जिसे गाने वाला पाकिस्तान से आना जरूरी है।

इन अंडरवर्ड के हरामखोरों की असिलियत को पहचानिये और हिन्दू समाज को संगठित करिये तब ही हम अपने धर्म की रक्षा कर पाएंगे ।
कुछ समय के लिए इस #चित्रपट_नगरी का बहिष्कार करने की जरूरत है।

जय श्री राम 🚩
सुशांत की हत्या य फिर सुसाइड ??

जिस तरह से दिव्य चेतना ने हर एक व्यक्ति को सुशांत की मृत्यु पर उससे जुड़ने के लिये विवश कर दिया वो अपने आप मे हैरान कर देने वाला था !! कारण ये कि बॉलीवुड को काफी लोग पसन्द नही करते थे और उससे पहले ही ऋषि कपूर फिर इरफान खान की मृत्यु से लोग थोड़े दुःखी थे पर सोशल मीडिया पर वो तूफान य सैलाब सांत्वना का नही दिखा जो सुशांत के केस में दिखा !! सुशांत की मृत्यु आकस्मिक सुसाइड न होकर हत्या हुई है ! जिसमे बॉलीवुड को निशाना बनाकर पोलिटिकल कुत्तों और औधोगिक कुत्तों को बचाया जा रहा है !! सुशांत शिक्षा व्यवस्था को बदलने वाला था और यही बात कॉलेज,स्कूल और शिक्षा व्यवस्था पर पैसा लगाने वाले हरामी गैंग को अपच लगी ! कुछ लोगो को बेशक तकलीफ है कि सुशांत की मृत्यु पर इतना हल्ला क्यों ? तो हल्ला होने के काफी कारण है ! वो एक मात्र ऐसा विद्वान व्यक्ति था जो इतना ज्ञान रखने के बावजूद बॉलीवुड में था ! उसको फ़िल्म के बहिष्कार वालो से घन्टा फर्क नही पड़ता था लेकिन जिस तरह से उसने काफी लोगो को इंटरव्यू जे दौरान अपने 50 लिस्ट को बता दिया , जिक्र कर दिया वही 50 चीजे काल बनकर उसके जीवन मे आ गयी ! कुछ वीडियो देखें जिसके बाद समझ आ रहा है कि वो 5 साल की उम्र के बच्चो को मानसिक तौर पर परिपक्व करना चाह रहे थे ताकि आज की शिक्षा व्यवस्था में जो जबरदस्त बदलाव है उससे निपटा जा सके। ये बात तो तय है कि शिक्षा व्यवस्था के स्टैण्डर्ड तय करने वाले लोगो ने अपने शासन को बरकरार रखने के लिये ही इस तरह की चीजो को बढ़ावा दिया और जो इनके खिलाफ बोला जैसे राजीव दीक्षित जी व अन्य की हत्या करवा दी गयी ! सुशांत सिंह के तस्वीरों से भी ये नही लगता कि वो हत्या कर सकते है न कि उनके ताजा वीडियो से !! उनके मैनेजर व अन्य लोग की मरने की खबर जो आ रही है वो कितने सही है इसकी आधिकारिक पुष्टि भी नही हो पा रही है ! न मरने की वजह न ही अन्य बातें !! हो सकता है सुशांत के परिवार पर दबाव बनाया जा रहा हो चुप रहने का पर इन चुप्पी पर आम जनता का बस तो रुक नही सकता ! हत्या के दिन के बाद से ही रोज सोशल मीडिया व ट्विटर पर य इंस्टाग्राम पर लगातार उसके मौत की जांच के लिये लोग विनती और आग्रह कर रहे है, श्राप रोजाना दिया जा रहा है और सुशांत के हत्या के बाद काफी लोगो ने अपनी जान भी दे दी है !! ये दुर्भाग्यपूर्ण है काफी और वर्तमान सरकार से उम्मीद है कि वो इस संकट के समय मे कुछ करे लेकिन आम जनता को मैं बता दूं सलमान,करन, महेश भट जैसे टुच्चे लोगो के लिये बिहार का बेटा ऐसे जान नही दे सकता ! पहले खुद 2 गोली मारता फिर मरता लेकिन न सुशांत का ऐसा स्वभाव बिल्कुल न था ! अंतर्मन से आवाज ये आयी कि पहले जूस में बेहोश की दवा दी गयी और फिर उसे कमजोर करके ही उसके कमरे में आकर उसे रस्सी से मारा गया ! अब कुछ लोग बोलेंगे कि रिपोर्ट में बेहोशी की दवा क्यों नही पता चल सकती तो इसका जवाब आपको कोई डॉक्टर ही दे सकते है य फोरेंसिक रिपोर्ट के एक्सपर्ट पर कोई इस मामले में नही बोलेगा क्योंकि करोड़ो का बिजनेस इस हत्या के पोल खुलने से खत्म य बर्बाद हो जाएगा !! तमाम जनता लोग भी यही बोल रहे है , मैंने काफी ध्यान से लोगो के कमेंट और प्रतिक्रिया देखी और लोग पहले बॉलीवुड वालो पर गुस्सा फोड़ रहे थे शुरू के 4 दिन तक लेकिन जैसे ही सभी वीडियो और फ़ोटो आने शुरू हुए और 50 लिस्ट मिली उससे साफ पता चल गया कि सुशांत का बड़बोलापन, उसका सबकुछ बता देना , सारी बातें सब को बताना ही उसका दुश्मन काल बन बैठा ! 50 उद्देश्यों य इच्छाओं में वो इच्छाएं भी थी जो काफी धन्नासेठों को फकीर बनाने वाली थी और ये सब करना अपनी कुर्सी बचाने के लिये जरूरी भी था ! एक बात तो साफ है ये आप मान लीजिये की बॉलीवुड में पहले भी कई खेमे में बंटा था लेकिन जिस तरह से सुशांत की मौत को बॉलीवुड के कंधों पर रख कर उसे निशाना बनाया जा रहा है वो एक हद तक सही है पर पूरी सच्चाई यही है कि इसमें शिक्षा जगत के लोग उससे न खुश थे , उसके दुश्मन बन गए थे और जिसकी सोच 5 वर्ष की उम्र में कोडिंग सिखाने की हो तो आप सोच सकते है कि स्कूल,प्ले स्कूल और कॉलेज कितने लोगों का नुकसान होता इससे ! हालांकि वर्तमान सरकार बेशक इसमें प्रत्यक्ष रूप से शामिल न हो लेकिन अपनी पोल न खुल जाए इसी डर से ये लोग चुप रहकर बस आश्वासन और सुशांत के घर वालो को सांत्वना और ट्वीट ,पोस्ट करके ही अपनी श्रद्धांजलि दे रहे है !

हम क्या कर सकते है सुशांत के न्याय के लिये ??

अब बेशक उन्हें वापस नही लाया जा सकता लेकिन उनके विचारों को अपने मे शामिल करके , उनके उद्देश्यों में से कुछ अपने उद्देश्य बनाकर वही लड़ाई लड़ी जा सकती है ! बाकी जो जैसे उनके न्याय के लिये लड़ रहे है ! लड़िये ! आवाज उठाइये जब कल आप मरे तो आपको गर्व हो कि आपने किसी के हक के लिये लड़ाई तो लड़ी , अपने ईमान को कम से कम कमीनो की तरह बेचा तो नही !! आप सचमुच व
ंदना के पात्र है ! नमन है इसे पढ़ने वालों को और नमन है सुशांत के न्याय की मांग करने वालो को 🙏🏻😇