✅[आधुनिक भारतीय इतिहास से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर]
Q1 दिल्ली के प्रथम सुल्तान कौन थे जिन्होंने दक्षिणी भारत को पराजित करने का प्रयास किया ?
उत्तर अलाउद्दीन खल्जी
Q2 दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम था?
उत्तर इंडियन ओपिनियन
Q3 दिल्ली सल्तनत की दरबारी भाषा थी ?
उत्तर फारसी
Q4 भारत राष्ट्रीय कांग्रेस का 1938 अधिवेशन किस शहर में हुआ ?
उत्तर हरिपुरा
Q5 मराठा राज्य का दूसरा संस्थापक किसे कहा जाता है ?
उत्तर बालाजी विश्वनाथ
Q6 इण्डियन लिबरल फेडरेशन की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर एस. एन. बनर्जी
Q7 दीनबंधु के नाम से कौन विख्यात था?
उत्तर सी.एफ.एण्ड्रूज
Q8 कितने सुझाव दिया था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त कर दिया जाय?
उत्तर महात्मा गाँधी ने
Q9 1947 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिल्ली अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की ?
उत्तर राजेंद्र प्रसाद
Q10 भारत एवं पाकिस्तान का विभाजन किस योजना के तहत हुआ था ?
उत्तर माउंटबेटन योजना
Q1 दिल्ली के प्रथम सुल्तान कौन थे जिन्होंने दक्षिणी भारत को पराजित करने का प्रयास किया ?
उत्तर अलाउद्दीन खल्जी
Q2 दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम था?
उत्तर इंडियन ओपिनियन
Q3 दिल्ली सल्तनत की दरबारी भाषा थी ?
उत्तर फारसी
Q4 भारत राष्ट्रीय कांग्रेस का 1938 अधिवेशन किस शहर में हुआ ?
उत्तर हरिपुरा
Q5 मराठा राज्य का दूसरा संस्थापक किसे कहा जाता है ?
उत्तर बालाजी विश्वनाथ
Q6 इण्डियन लिबरल फेडरेशन की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर एस. एन. बनर्जी
Q7 दीनबंधु के नाम से कौन विख्यात था?
उत्तर सी.एफ.एण्ड्रूज
Q8 कितने सुझाव दिया था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त कर दिया जाय?
उत्तर महात्मा गाँधी ने
Q9 1947 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिल्ली अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की ?
उत्तर राजेंद्र प्रसाद
Q10 भारत एवं पाकिस्तान का विभाजन किस योजना के तहत हुआ था ?
उत्तर माउंटबेटन योजना
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इन्द्रधनुषीय क्रांति का संबंध इनमें से किन के साथ है ?
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21%
(A) नीली क्रान्ति से
16%
(B) हरित क्रान्ति से
11%
(C) श्वेत क्रान्ति से
52%
(D) इनमें से सभी
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" ब्रह्मांड - सृजनकर्ता ; मनुष्य के अस्तित्व पर एक विचार "
यह तस्वीर आपके सामने दिखाई दे रही बकाई बेहद खूबसूरत और रंगीन सी आकृति देखने में ऐसे लगता है जैसे आकाश में कोई धुआं है जो तारों को छिपाने की कोशिश कर रहा है । यदि आपकी थोड़ी भी रुचि ब्रह्मांड के रहस्यों में होगी तो आप इस संरचना को जानते होंगे एस्ट्रोनॉमी की भाषा में इसे 'नेबुला' कहते हैं और जैसा कि वैज्ञानिक बताते हैं नेबुला यानी कि तारों सितारों की फैक्ट्री ; हां,बिलकुल वैसे ही जैसे कि हमारे यहां बिस्किट या फिर नमकीन की फैक्ट्री होती है बस फर्क इतना है यहां आदमी काम नहीं करते यहां काम करता गुरुत्वाकर्षण विज्ञान के अनुसार । और यहां बनते हमारे सूर्य के जैसे अनंत ऊर्जा समेटे हुए तारे है न ? ये कमाल की फैक्ट्री ।
आगे बात करने से पहले नेबूला की सरल परिभाषा जाने तो यह धूल, धुएं,कंकड़ - पत्थरों के बदल होते है जहां तारे अपनी प्रारंभिक यानी की जीवन की शुरुआती अवस्था में होते हैं।
तस्वीर में दिखाई दे रहा नेबुला जेम्स वेब टेलीस्कोप ने देखा है जिसको "टारेंटयुला नेबुला" नाम दिया गया है अब अगर इसके आकार पर ध्यान दे तो आपको अपने मोबाइल की स्क्रीन पर दिखने बाली छोटी छवि अपने आप में इतनी विशालता समेटे हुए है, जिसकी कल्पना करना अच्छे- अच्छे गणितज्ञों को सकते में डालने के लिए काफी है कल्पनाओं से परे इस नेबुला की त्रिज्या 931 प्रकाश वर्ष है और एक प्रकाश वर्ष लगभग उतना होता जितने में प्रकाश की गति से 1 साल तक चला जाए और प्रकाश की गति होती है लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड मतलब की प्रकाश जब अपनी गति से 1862 सालों तक चलेगा तब वह इस नेबुला के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचेगा । इससे आप इसकी विराटता का अनुभव कर पा रहे होंगे और ऐसे नेबुला ब्रह्मांड में अरबों को संख्या में है और इसकी तुलना गैलेक्सी से संभव ही नहीं है क्योंकि उसके आकार का तो गणित भी नहीं लगाया जा सकता एक गैलेक्सी में ही सैकड़ों नेबुला होते हैं।
अब सोचने कि बात यह है की आप ब्रह्मांड के विकराल स्वरूप का अंदाजा लगा सकते हैं और उससे धरती की तुलना की जाए तो हम किसी घर के रोशन दान से आती हुई धूप में उड़ते हुए धूल के उस कण के बराबर भी जगह नहीं रखते है ब्रह्मांड में ।
सवाल है ; यह सब किसने बनाया है ? कौन इसका रचियता है ? क्या है ? इस सबको बनने के पीछे का उद्देश्य है ? क्या काम है ब्रह्मांड के इन सब पिंडों का ? और सबसे बड़ी बात की क्या इंसान जीव- जंतु सिर्फ पृथ्वी ग्रह पर ही है?
क्या ऐसा नहीं हो सकता की हम जो नहीं जानते ,कि हो सकता है जिस ब्रह्मांड को हमारा विज्ञान जान पाया हो उसके पीछे भी कोई और ही अज्ञात दुनिया हो ? हो सकता है हम किसी प्राणी के पेट में हो ? और इस जैसे अनेक प्राणी हो जो रहते हो विचरते हो कहीं ? हो सकता है हम किसी पदार्थ के अणु - परमाणु के संरचना का हिस्सा हो और इस तरह के अनेक पदार्थ हो जिनके सबके अपने ब्रह्मांड हो ? या फिर हो सकता है अब तक ज्ञात सारा मैटर सिर्फ एक आंधी का हिस्सा हो जिसमें गैलेक्सी, तारे ,ग्रह और अन्य सारे पिंड उड़ कर कहीं जा रहे हो ? या फिर हो सकता है हम किसी दुनिया के समुद्री हिस्से में जहां पानी के रूप में डार्क मैटर हो ( ब्रह्मांड की दृश्य संरचनों से इतर जो अदृश्य है ! ) और हम हमारे समुर्दों में घुले हुए किसी नमक के कण की तरह उसका हिस्सा हो ? या फिर ये भी हो सकता है ये ब्रह्मांड कुछ है ही नहीं यहां कहीं जमीन होगी उधर विशाल सरचनाओं वाले प्राणी रहते होगे और हम उस जमीन के उस हिस्से में हो जहां वो लोग आते - जाते न हो ?
कई विज्ञान,दर्शन इत्यादि सिर्फ इसी तरह के काल्पनिक सिद्धातों पर आधारित है ? हो सकता है किसी दिन मेरे ऊपर उठाए सवाल का जवाब मिले और तब हमें पता चले हम तो किसी और दुनिया के समुद्री हिस्से का भाग हैं और उस दुनिया वाले न मरते है न पैदा होते हैं वो बस है इसी तरह जैसे हमारा सूर्य है ये ब्रह्मांड की अन्य संरचनाएं हैं जिनके न तो सृजनकर्ता का पता न ये पता है ये किसकी कृति है और क्यों है ये सब ?
वास्तविकता ये है कि हमें या आज तक धरती पर पैदा हुए किसी भी आदमी को खुद नहीं पता है कि पृथ्वी पर हम क्यों आते हैं और क्यों मर जाते हैं ? और मर के कहां जाते हैं ? तो इन ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाना तो असंभव ही है ?
और जब हमें या वैज्ञानिक को या समाज को किसी बात का जवाब नहीं मिलता तो हम कह देते है ईश्वर कि इच्छा है या कोई प्राकृतिक शक्ति है जो संचालित कर रही है सब हम कुछ नहीं कर सकते इसमें और न इसका जवाब दिया जा सकता है ?
यह तस्वीर आपके सामने दिखाई दे रही बकाई बेहद खूबसूरत और रंगीन सी आकृति देखने में ऐसे लगता है जैसे आकाश में कोई धुआं है जो तारों को छिपाने की कोशिश कर रहा है । यदि आपकी थोड़ी भी रुचि ब्रह्मांड के रहस्यों में होगी तो आप इस संरचना को जानते होंगे एस्ट्रोनॉमी की भाषा में इसे 'नेबुला' कहते हैं और जैसा कि वैज्ञानिक बताते हैं नेबुला यानी कि तारों सितारों की फैक्ट्री ; हां,बिलकुल वैसे ही जैसे कि हमारे यहां बिस्किट या फिर नमकीन की फैक्ट्री होती है बस फर्क इतना है यहां आदमी काम नहीं करते यहां काम करता गुरुत्वाकर्षण विज्ञान के अनुसार । और यहां बनते हमारे सूर्य के जैसे अनंत ऊर्जा समेटे हुए तारे है न ? ये कमाल की फैक्ट्री ।
आगे बात करने से पहले नेबूला की सरल परिभाषा जाने तो यह धूल, धुएं,कंकड़ - पत्थरों के बदल होते है जहां तारे अपनी प्रारंभिक यानी की जीवन की शुरुआती अवस्था में होते हैं।
तस्वीर में दिखाई दे रहा नेबुला जेम्स वेब टेलीस्कोप ने देखा है जिसको "टारेंटयुला नेबुला" नाम दिया गया है अब अगर इसके आकार पर ध्यान दे तो आपको अपने मोबाइल की स्क्रीन पर दिखने बाली छोटी छवि अपने आप में इतनी विशालता समेटे हुए है, जिसकी कल्पना करना अच्छे- अच्छे गणितज्ञों को सकते में डालने के लिए काफी है कल्पनाओं से परे इस नेबुला की त्रिज्या 931 प्रकाश वर्ष है और एक प्रकाश वर्ष लगभग उतना होता जितने में प्रकाश की गति से 1 साल तक चला जाए और प्रकाश की गति होती है लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड मतलब की प्रकाश जब अपनी गति से 1862 सालों तक चलेगा तब वह इस नेबुला के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचेगा । इससे आप इसकी विराटता का अनुभव कर पा रहे होंगे और ऐसे नेबुला ब्रह्मांड में अरबों को संख्या में है और इसकी तुलना गैलेक्सी से संभव ही नहीं है क्योंकि उसके आकार का तो गणित भी नहीं लगाया जा सकता एक गैलेक्सी में ही सैकड़ों नेबुला होते हैं।
अब सोचने कि बात यह है की आप ब्रह्मांड के विकराल स्वरूप का अंदाजा लगा सकते हैं और उससे धरती की तुलना की जाए तो हम किसी घर के रोशन दान से आती हुई धूप में उड़ते हुए धूल के उस कण के बराबर भी जगह नहीं रखते है ब्रह्मांड में ।
सवाल है ; यह सब किसने बनाया है ? कौन इसका रचियता है ? क्या है ? इस सबको बनने के पीछे का उद्देश्य है ? क्या काम है ब्रह्मांड के इन सब पिंडों का ? और सबसे बड़ी बात की क्या इंसान जीव- जंतु सिर्फ पृथ्वी ग्रह पर ही है?
क्या ऐसा नहीं हो सकता की हम जो नहीं जानते ,कि हो सकता है जिस ब्रह्मांड को हमारा विज्ञान जान पाया हो उसके पीछे भी कोई और ही अज्ञात दुनिया हो ? हो सकता है हम किसी प्राणी के पेट में हो ? और इस जैसे अनेक प्राणी हो जो रहते हो विचरते हो कहीं ? हो सकता है हम किसी पदार्थ के अणु - परमाणु के संरचना का हिस्सा हो और इस तरह के अनेक पदार्थ हो जिनके सबके अपने ब्रह्मांड हो ? या फिर हो सकता है अब तक ज्ञात सारा मैटर सिर्फ एक आंधी का हिस्सा हो जिसमें गैलेक्सी, तारे ,ग्रह और अन्य सारे पिंड उड़ कर कहीं जा रहे हो ? या फिर हो सकता है हम किसी दुनिया के समुद्री हिस्से में जहां पानी के रूप में डार्क मैटर हो ( ब्रह्मांड की दृश्य संरचनों से इतर जो अदृश्य है ! ) और हम हमारे समुर्दों में घुले हुए किसी नमक के कण की तरह उसका हिस्सा हो ? या फिर ये भी हो सकता है ये ब्रह्मांड कुछ है ही नहीं यहां कहीं जमीन होगी उधर विशाल सरचनाओं वाले प्राणी रहते होगे और हम उस जमीन के उस हिस्से में हो जहां वो लोग आते - जाते न हो ?
कई विज्ञान,दर्शन इत्यादि सिर्फ इसी तरह के काल्पनिक सिद्धातों पर आधारित है ? हो सकता है किसी दिन मेरे ऊपर उठाए सवाल का जवाब मिले और तब हमें पता चले हम तो किसी और दुनिया के समुद्री हिस्से का भाग हैं और उस दुनिया वाले न मरते है न पैदा होते हैं वो बस है इसी तरह जैसे हमारा सूर्य है ये ब्रह्मांड की अन्य संरचनाएं हैं जिनके न तो सृजनकर्ता का पता न ये पता है ये किसकी कृति है और क्यों है ये सब ?
वास्तविकता ये है कि हमें या आज तक धरती पर पैदा हुए किसी भी आदमी को खुद नहीं पता है कि पृथ्वी पर हम क्यों आते हैं और क्यों मर जाते हैं ? और मर के कहां जाते हैं ? तो इन ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाना तो असंभव ही है ?
और जब हमें या वैज्ञानिक को या समाज को किसी बात का जवाब नहीं मिलता तो हम कह देते है ईश्वर कि इच्छा है या कोई प्राकृतिक शक्ति है जो संचालित कर रही है सब हम कुछ नहीं कर सकते इसमें और न इसका जवाब दिया जा सकता है ?
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इस विषय में कितना भी लिख लिया जाए ना सवाल खतम हो सकते हैं न जवाब मिलेगा । एक चीज सीखी जा सकती है कि हम इस विराट, विशाल, अनंत ब्रह्मांड के इस हल्के से ग्रह के छोटे से देश के कुछ वर्ग किलोमीटर में पूरा जीवन निकल देने वाले जीव हैं और हम समझते हैं अनंत ब्रह्मांड में हमारा अस्तित्व है ?
हम सिर्फ भ्रमों में जी रहे हैं । शायद !
लेकिन मैं चाहता हूं, मेरे जीवन में ही पता लगे की कौन है ? इस सबके पीछे ? और क्यों बनाया है ये सब ? ईश्वर तो नहीं हो सकता ?
हम सिर्फ भ्रमों में जी रहे हैं । शायद !
लेकिन मैं चाहता हूं, मेरे जीवन में ही पता लगे की कौन है ? इस सबके पीछे ? और क्यों बनाया है ये सब ? ईश्वर तो नहीं हो सकता ?
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❇️सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर ❇️
प्रश्न -: लोकसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर -: 25 वर्ष
प्रश्न -: भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव कौनसा है ?
उत्तर -: गंगा डॉल्फिन
प्रश्न -: प्रथम क्रिकेट विश्व कप जीतने वाला देश कौन सा है ?
उत्तर -: वेस्टइंडीज
प्रश्न -: राज्यों में संवैधानिक तंत्र विफल होने पर राष्ट्रपति शासन किस अनुच्छेद के आधार पर लगाया जाता है ?
उत्तर -: अनुच्छेद 356
प्रश्न -: किस अनुच्छेद के तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार मूल अधिकार माना गया है ?
उत्तर -: अनुच्छेद 21 (A)
प्रश्न -: चंद्रमा पर मानव को पहुंचाने वाले प्रथम अंतरिक्ष यान का नाम क्या था ?
उत्तर -: अपोलो – 11
प्रश्न -: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) का मुख्यालय कहां स्थित है ?
उत्तर -: वाशिंगटन डी. सी.
प्रश्न -: रेबीज के टीके की खोज किसने की ?
उत्तर -: लुई पाश्चर
प्रश्न -: सुपीरियर झील कहाँ पर स्थित है ?
उत्तर -: संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा
प्रश्न -: भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है ?
उत्तर -: समुद्रगुप्त
प्रश्न -: लोकसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर -: 25 वर्ष
प्रश्न -: भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव कौनसा है ?
उत्तर -: गंगा डॉल्फिन
प्रश्न -: प्रथम क्रिकेट विश्व कप जीतने वाला देश कौन सा है ?
उत्तर -: वेस्टइंडीज
प्रश्न -: राज्यों में संवैधानिक तंत्र विफल होने पर राष्ट्रपति शासन किस अनुच्छेद के आधार पर लगाया जाता है ?
उत्तर -: अनुच्छेद 356
प्रश्न -: किस अनुच्छेद के तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार मूल अधिकार माना गया है ?
उत्तर -: अनुच्छेद 21 (A)
प्रश्न -: चंद्रमा पर मानव को पहुंचाने वाले प्रथम अंतरिक्ष यान का नाम क्या था ?
उत्तर -: अपोलो – 11
प्रश्न -: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) का मुख्यालय कहां स्थित है ?
उत्तर -: वाशिंगटन डी. सी.
प्रश्न -: रेबीज के टीके की खोज किसने की ?
उत्तर -: लुई पाश्चर
प्रश्न -: सुपीरियर झील कहाँ पर स्थित है ?
उत्तर -: संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा
प्रश्न -: भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है ?
उत्तर -: समुद्रगुप्त
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14 सितंबर "हिंदी दिवस की शुभकामनाएं !"
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हिंदी से संबंधित पूरी संवैधानिक जानकारी यहां पढें
https://www.theaimclasses.com/2021/10/rajbhasha-se-sambandhit-pravdhan-or.html
https://www.theaimclasses.com/2021/10/rajbhasha-se-sambandhit-pravdhan-or.html
Theaimclasses
राजभाषा से संबंधित संवैधानिक प्रावधान | Rajbhasha Se Sambandhit pravdhan or anuchhed
We provide Study Material ,Pdf Notes And Current Affairs for MPPSC,UPPSC,UPSC,MP SUB-INSPECTOR,VYAPAM,SSC,RAILWAYS , POLICE CONSTABLE
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उनको भी हिंदी दिवस कि शुभकामनाएं जो हिंदी दिवस को happy hindi day कह के विश कर रहे है 😁😁,...
खैर हिंदी दिवस कि शुभकामनाएं दोस्तों ।।
खैर हिंदी दिवस कि शुभकामनाएं दोस्तों ।।
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UPSC द्वारा कराया गया आज का निबंध का पेपर ।
कोशिश करें इनमें जो भी आपको सही लगे लिख कर भेजें। डिस्कशन ग्रुप पर भेज सकते हैं आप ।
#upscmains
कोशिश करें इनमें जो भी आपको सही लगे लिख कर भेजें। डिस्कशन ग्रुप पर भेज सकते हैं आप ।
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