चार्वाक--
* चार्वाक भौतिकवादी दर्शन के प्रमुख प्रवर्तक हैं, जो लोकायत के नाम से प्रसिद्ध है।
* चार्वाक मोक्ष की कामना के विरोधी थे। वह ब्रह्म और ईश्वर की सत्ता नहीं मानता था।
* इनका वास्तविक योगदान भौतिकवादी दृष्टिकोण है। यह मानव को सभी क्रियाओं का मूल मानते हैं।
* चार्वाक भौतिकवादी दर्शन के प्रमुख प्रवर्तक हैं, जो लोकायत के नाम से प्रसिद्ध है।
* चार्वाक मोक्ष की कामना के विरोधी थे। वह ब्रह्म और ईश्वर की सत्ता नहीं मानता था।
* इनका वास्तविक योगदान भौतिकवादी दृष्टिकोण है। यह मानव को सभी क्रियाओं का मूल मानते हैं।
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योग---
महर्षि पंतजलि द्वारा प्रतिपादित भारतीय दर्शन के छः सम्प्रदायों में से एक है।
* योग दर्शन के अनुसार मोक्ष ध्यान और शारीरिक साधना से मिलता है।
* ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों का निग्रह योग दर्शन का मूलाधार है।
महर्षि पंतजलि द्वारा प्रतिपादित भारतीय दर्शन के छः सम्प्रदायों में से एक है।
* योग दर्शन के अनुसार मोक्ष ध्यान और शारीरिक साधना से मिलता है।
* ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों का निग्रह योग दर्शन का मूलाधार है।
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वनं सम्बंधित अधिनियम-
• भारतीय वन अधिनियम - 1927
• भारतीय वन्य जीव अधिनियम - 1972
• भारतीय वन संरक्षण अधिनियम - 1980
• भारतीय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम - 1986
• भारतीय जैव विविधता अधिनियम - 2002
• भारतीय वन अधिनियम - 1927
• भारतीय वन्य जीव अधिनियम - 1972
• भारतीय वन संरक्षण अधिनियम - 1980
• भारतीय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम - 1986
• भारतीय जैव विविधता अधिनियम - 2002
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अजातशत्रु (492-460ई.पू.)---
कुणिक उपनाम से चर्चित, पितृहन्ता, मगध का महत्त्वपूर्ण शासक।
वैशाली के लिच्छवियों पर इसने वस्सकार की सहायता से फूट डलवाकर विजय प्राप्त की थी।
प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में अजातशत्रु के शासनकाल में ।
कुणिक उपनाम से चर्चित, पितृहन्ता, मगध का महत्त्वपूर्ण शासक।
वैशाली के लिच्छवियों पर इसने वस्सकार की सहायता से फूट डलवाकर विजय प्राप्त की थी।
प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में अजातशत्रु के शासनकाल में ।
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मध्यप्रदेश के प्रमुख वर्ष
-सड़क वर्ष - 2005
-बाँस वर्ष - 2010
-महुआ वर्ष - 2011
-ट्रैफिक वर्ष - 2011
-कृषि उत्पादकता वर्ष - 2011
-सूचना प्रौद्योगिकी वर्ष - 2013
-सड़क वर्ष - 2005
-बाँस वर्ष - 2010
-महुआ वर्ष - 2011
-ट्रैफिक वर्ष - 2011
-कृषि उत्पादकता वर्ष - 2011
-सूचना प्रौद्योगिकी वर्ष - 2013
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अशोक का धम्म---
• अपनी प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए अशोक ने जिस आचार संहिता को प्रस्तुत किया उसे उनके अभिलेखों में धम्म कहा गया है।
राहुलोवाद सुत्त में धम्म की परिभाषा दी गई है। धम्म के अंतर्गत पाप से निवृत्ति, विश्व कल्याण, दयादान, सत् और कर्मशुद्धि, पाप रहित होना, व्यवहार में मृदुता, प्राणियों का वध न करना तथा माता-पिता एवं बड़ों की आज्ञा मानना, गुरूजनों के प्रति सम्मान आदि शामिल है।
• अपनी प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए अशोक ने जिस आचार संहिता को प्रस्तुत किया उसे उनके अभिलेखों में धम्म कहा गया है।
राहुलोवाद सुत्त में धम्म की परिभाषा दी गई है। धम्म के अंतर्गत पाप से निवृत्ति, विश्व कल्याण, दयादान, सत् और कर्मशुद्धि, पाप रहित होना, व्यवहार में मृदुता, प्राणियों का वध न करना तथा माता-पिता एवं बड़ों की आज्ञा मानना, गुरूजनों के प्रति सम्मान आदि शामिल है।
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भद्रबाहु
• सुप्रसिद्ध जैन आचार्य ।
• चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू ।
• जैन धर्म के दिगम्बर संप्रदाय के संस्थापक ।
'कल्पसूत्र' नामक जैन ग्रंथ की रचना की।
• इन्ही के साथ चंद्रगुप्त मौर्य श्रवणबेलगोला गए एवं संलेखना विधि से प्राण त्यागे ।
• सुप्रसिद्ध जैन आचार्य ।
• चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू ।
• जैन धर्म के दिगम्बर संप्रदाय के संस्थापक ।
'कल्पसूत्र' नामक जैन ग्रंथ की रचना की।
• इन्ही के साथ चंद्रगुप्त मौर्य श्रवणबेलगोला गए एवं संलेखना विधि से प्राण त्यागे ।
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Forwarded from MPPSC NIRMAN IAS MadhyaPradesh हिंदी (Sanjay Gupta)
Forwarded from MPPSC NIRMAN IAS MadhyaPradesh हिंदी (Sanjay Gupta)
पटवारी
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5_6332406116575610691.pdf
2.9 MB
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पटवारी, ग्रुप 2 और ग्रुप 4 की रूल बुक जारी।
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धर्मपाल
पाल वंश का एक महत्त्वपूर्ण शासक। गुजराती कवि सोड्ढल ने उत्तरापथ स्वामी की उपाधि से संबोधित किया।
इसने विक्रमशिला तथा सोमपुरी (पहाड़पुर) में प्रसिद्ध बौद्ध विहारों की स्थापना की उल्लेखनीय है कि बौद्ध हरिभद्र इसी के दरबार में थे।
पाल वंश का एक महत्त्वपूर्ण शासक। गुजराती कवि सोड्ढल ने उत्तरापथ स्वामी की उपाधि से संबोधित किया।
इसने विक्रमशिला तथा सोमपुरी (पहाड़पुर) में प्रसिद्ध बौद्ध विहारों की स्थापना की उल्लेखनीय है कि बौद्ध हरिभद्र इसी के दरबार में थे।
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मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक भर्ती
एक और भर्ती 🤘 mp वालो
एक और भर्ती 🤘 mp वालो
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Advertisement_26.11.2022.pdf
1.4 MB
Advertisement_26.11.2022.pdf
26 November भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। जो भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है , 26 November 1949 को देश कि संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था
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🔷राजव्यवस्था - कुछ महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन -
🔷 पहला संशोधन (1951)—कुछ कानूनों को न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर रखने के लिए 9वीं अनुसूची पेश की
🔷-सातवां संशोधन (1956) —भाषा द्वारा पुनर्गठित राज्य; केंद्र शासित प्रदेशों की शुरुआत
🔷-42वां संशोधन (1976) —'समाजवादी', 'धर्मनिरपेक्ष' और 'अखंडता' शब्द प्रस्तावना में जोड़े गए, मौलिक कर्तव्य निर्धारित
🔷-44वां संशोधन (1978) —संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची से हटाया गया
🔷-52वां संशोधन (1985) —दसवीं अनुसूची ( जिसे ‘दल-बदल विरोधी कानून’ के नाम से जाना जाता था) को वर्ष 1985 में 52वें संविधान संशोधन के माध्यम से पारित किया गया।
🔷-61वां संशोधन (1989) —मत देने की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल की गई।
🔷-73वां और 74 वां संशोधन 1992 —पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के लिए प्रत्यक्ष चुनाव
🔷-86वां संशोधन (2002) —6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा
🔷-101 वां संशोधन (2016) —वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) का परिचय
🔷-103वां संशोधन (2019) —आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10% आरक्षण
🔷-वर्ष 2019 में 103वें संविधान संशोधन के माध्यम से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में संशोधन किया। संशोधन के माध्यम से भारतीय संविधान में अनुच्छेद 15 (6) और अनुच्छेद 16 (6) सम्मिलित किया, ताकि अनारक्षित वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण का लाभ प्रदान किया सके। बेस्ट स्टडी चैनल-स्टडी फॉर सिविल सर्विसेज
🔷 पहला संशोधन (1951)—कुछ कानूनों को न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर रखने के लिए 9वीं अनुसूची पेश की
🔷-सातवां संशोधन (1956) —भाषा द्वारा पुनर्गठित राज्य; केंद्र शासित प्रदेशों की शुरुआत
🔷-42वां संशोधन (1976) —'समाजवादी', 'धर्मनिरपेक्ष' और 'अखंडता' शब्द प्रस्तावना में जोड़े गए, मौलिक कर्तव्य निर्धारित
🔷-44वां संशोधन (1978) —संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची से हटाया गया
🔷-52वां संशोधन (1985) —दसवीं अनुसूची ( जिसे ‘दल-बदल विरोधी कानून’ के नाम से जाना जाता था) को वर्ष 1985 में 52वें संविधान संशोधन के माध्यम से पारित किया गया।
🔷-61वां संशोधन (1989) —मत देने की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल की गई।
🔷-73वां और 74 वां संशोधन 1992 —पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के लिए प्रत्यक्ष चुनाव
🔷-86वां संशोधन (2002) —6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा
🔷-101 वां संशोधन (2016) —वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) का परिचय
🔷-103वां संशोधन (2019) —आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10% आरक्षण
🔷-वर्ष 2019 में 103वें संविधान संशोधन के माध्यम से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में संशोधन किया। संशोधन के माध्यम से भारतीय संविधान में अनुच्छेद 15 (6) और अनुच्छेद 16 (6) सम्मिलित किया, ताकि अनारक्षित वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण का लाभ प्रदान किया सके। बेस्ट स्टडी चैनल-स्टडी फॉर सिविल सर्विसेज
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वर्णलेखन (Chromatography) :-वर्णलेखन विधि इस तथ्य पर आधारित है कि किसी मिश्रण के विभिन्न घटकों की अधिशोषण क्षमता भिन्न-भिन्न होती है तथा वे किसी अधिशोषक पदार्थ में विभिन्न दूरियों पर अधिशोषित होते हैं और इस प्रकार पृथक् कर लिए जाते हैं।
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मध्यप्रदेश में नगरीय प्रशासन-
सी.पी. एंड बरार नगर पालिका अधिनियम 1922
विध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1946
जबलपुर नगर निगम अधिनियम 1948
मध्य भारत नगर पालिका अधिनियम 1954
भोपाल राज्य नगर पालिका अधिनियम 1955
मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961
मध्यप्रदेश नगर पालिका पंचायतीराज विधेयक 1993
#patwari #vyapam #mppsc
सी.पी. एंड बरार नगर पालिका अधिनियम 1922
विध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1946
जबलपुर नगर निगम अधिनियम 1948
मध्य भारत नगर पालिका अधिनियम 1954
भोपाल राज्य नगर पालिका अधिनियम 1955
मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961
मध्यप्रदेश नगर पालिका पंचायतीराज विधेयक 1993
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