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*🍁आज की प्रेरणा🍁*
जब हम बोलते हैं तो सिर्फ वही बोलते हैं जो हमें पहले से मालूम है...पर जब हम सुनते हैं, हम कुछ नया सीख सकते हैं।
*👉 आज से हम कम बोलें, ज़्यादा सुनें और ज़्यादा सीखें...*
*🍁 TODAY'S INSPIRATION 🍁*
When we talk, we are only repeating what we already know...But when we listen, we may learn something new.
*👉 Today onwards let's talk less, listen more and learn more.*
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1.हड़प्पा-
पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित हड़प्पा सभ्यता का प्रमुख पुरास्थल।
इसके नाम पर ही सिंधु घाटी सभ्यता का नामकरण हुआ।
1920-21 में जान मार्शल के नेतृत्व में राखाल दास बनर्जी एवं दयाराम साहनी ने उत्खनन कार्य किया।
अन्नागार, नगर नियोजन के अवशेष प्राप्त हुए।
2.चन्हूदड़ों-
सिंधु नदी के किनारे स्थित हड़प्पा कालीन पुरास्थल
पकाई गयी ईंटों के भवन एवं मनके बनाने का कारखाना प्रकाश में आया।
यहाँ से झूकर- झांगर संस्कृति के अवशेष भी मिले हैं।
3.राखीगढ़ी-
हरियाणा के हिसार जिले में सरस्वती नदी के किनारे स्थित हड़प्पाई पुरास्थल ।
हड़प्पा सभ्यता के विशालतम नगरों में से एक। यहाँ से प्राक् हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा के अवशेष मिले हैं।
पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित हड़प्पा सभ्यता का प्रमुख पुरास्थल।
इसके नाम पर ही सिंधु घाटी सभ्यता का नामकरण हुआ।
1920-21 में जान मार्शल के नेतृत्व में राखाल दास बनर्जी एवं दयाराम साहनी ने उत्खनन कार्य किया।
अन्नागार, नगर नियोजन के अवशेष प्राप्त हुए।
2.चन्हूदड़ों-
सिंधु नदी के किनारे स्थित हड़प्पा कालीन पुरास्थल
पकाई गयी ईंटों के भवन एवं मनके बनाने का कारखाना प्रकाश में आया।
यहाँ से झूकर- झांगर संस्कृति के अवशेष भी मिले हैं।
3.राखीगढ़ी-
हरियाणा के हिसार जिले में सरस्वती नदी के किनारे स्थित हड़प्पाई पुरास्थल ।
हड़प्पा सभ्यता के विशालतम नगरों में से एक। यहाँ से प्राक् हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा के अवशेष मिले हैं।
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मध्यप्रदेश की प्रमुख चोटियाँ-----
• म.प्र. की सबसे ऊँची चोटी - धूपगढ़
• सतपुड़ा पर्वत की सबसे ऊँची चोटी - धूपगढ़
• मैकाल श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी -अमरकंटक
• राजपीपला श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी -चूलगिरी
• बुंदेलखंड पठार की सबसे ऊँची चोटी - सिद्ध बाबा
• मालवा पठार की सबसे ऊँची चोटी - सिगार
• विंध्यांचल पर्वत की सबसे ऊँची चोटी - सद्भावना / गुडविल
• म.प्र. की सबसे ऊँची चोटी - धूपगढ़
• सतपुड़ा पर्वत की सबसे ऊँची चोटी - धूपगढ़
• मैकाल श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी -अमरकंटक
• राजपीपला श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी -चूलगिरी
• बुंदेलखंड पठार की सबसे ऊँची चोटी - सिद्ध बाबा
• मालवा पठार की सबसे ऊँची चोटी - सिगार
• विंध्यांचल पर्वत की सबसे ऊँची चोटी - सद्भावना / गुडविल
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## गाँधी सागर बाँध --
• चम्बल घाटी परियोजना के अंतर्गत बना म.प्र. का पहला बाँध है।
• इसकी नींव 1954 में रखी गई व 1960 में यह बनकर तैयार हुआ ।
• गाँधीसागर परियोजना राजस्थान और म.प्र. की संयुक्त परियोजना है।
• चम्बल घाटी के अंतर्गत राणा सागर और जवाहर सागर परियोजना भी संचालित है।
• चम्बल घाटी परियोजना के अंतर्गत बना म.प्र. का पहला बाँध है।
• इसकी नींव 1954 में रखी गई व 1960 में यह बनकर तैयार हुआ ।
• गाँधीसागर परियोजना राजस्थान और म.प्र. की संयुक्त परियोजना है।
• चम्बल घाटी के अंतर्गत राणा सागर और जवाहर सागर परियोजना भी संचालित है।
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चार्वाक--
* चार्वाक भौतिकवादी दर्शन के प्रमुख प्रवर्तक हैं, जो लोकायत के नाम से प्रसिद्ध है।
* चार्वाक मोक्ष की कामना के विरोधी थे। वह ब्रह्म और ईश्वर की सत्ता नहीं मानता था।
* इनका वास्तविक योगदान भौतिकवादी दृष्टिकोण है। यह मानव को सभी क्रियाओं का मूल मानते हैं।
* चार्वाक भौतिकवादी दर्शन के प्रमुख प्रवर्तक हैं, जो लोकायत के नाम से प्रसिद्ध है।
* चार्वाक मोक्ष की कामना के विरोधी थे। वह ब्रह्म और ईश्वर की सत्ता नहीं मानता था।
* इनका वास्तविक योगदान भौतिकवादी दृष्टिकोण है। यह मानव को सभी क्रियाओं का मूल मानते हैं।
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योग---
महर्षि पंतजलि द्वारा प्रतिपादित भारतीय दर्शन के छः सम्प्रदायों में से एक है।
* योग दर्शन के अनुसार मोक्ष ध्यान और शारीरिक साधना से मिलता है।
* ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों का निग्रह योग दर्शन का मूलाधार है।
महर्षि पंतजलि द्वारा प्रतिपादित भारतीय दर्शन के छः सम्प्रदायों में से एक है।
* योग दर्शन के अनुसार मोक्ष ध्यान और शारीरिक साधना से मिलता है।
* ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों का निग्रह योग दर्शन का मूलाधार है।
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वनं सम्बंधित अधिनियम-
• भारतीय वन अधिनियम - 1927
• भारतीय वन्य जीव अधिनियम - 1972
• भारतीय वन संरक्षण अधिनियम - 1980
• भारतीय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम - 1986
• भारतीय जैव विविधता अधिनियम - 2002
• भारतीय वन अधिनियम - 1927
• भारतीय वन्य जीव अधिनियम - 1972
• भारतीय वन संरक्षण अधिनियम - 1980
• भारतीय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम - 1986
• भारतीय जैव विविधता अधिनियम - 2002
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अजातशत्रु (492-460ई.पू.)---
कुणिक उपनाम से चर्चित, पितृहन्ता, मगध का महत्त्वपूर्ण शासक।
वैशाली के लिच्छवियों पर इसने वस्सकार की सहायता से फूट डलवाकर विजय प्राप्त की थी।
प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में अजातशत्रु के शासनकाल में ।
कुणिक उपनाम से चर्चित, पितृहन्ता, मगध का महत्त्वपूर्ण शासक।
वैशाली के लिच्छवियों पर इसने वस्सकार की सहायता से फूट डलवाकर विजय प्राप्त की थी।
प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में अजातशत्रु के शासनकाल में ।
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मध्यप्रदेश के प्रमुख वर्ष
-सड़क वर्ष - 2005
-बाँस वर्ष - 2010
-महुआ वर्ष - 2011
-ट्रैफिक वर्ष - 2011
-कृषि उत्पादकता वर्ष - 2011
-सूचना प्रौद्योगिकी वर्ष - 2013
-सड़क वर्ष - 2005
-बाँस वर्ष - 2010
-महुआ वर्ष - 2011
-ट्रैफिक वर्ष - 2011
-कृषि उत्पादकता वर्ष - 2011
-सूचना प्रौद्योगिकी वर्ष - 2013
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अशोक का धम्म---
• अपनी प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए अशोक ने जिस आचार संहिता को प्रस्तुत किया उसे उनके अभिलेखों में धम्म कहा गया है।
राहुलोवाद सुत्त में धम्म की परिभाषा दी गई है। धम्म के अंतर्गत पाप से निवृत्ति, विश्व कल्याण, दयादान, सत् और कर्मशुद्धि, पाप रहित होना, व्यवहार में मृदुता, प्राणियों का वध न करना तथा माता-पिता एवं बड़ों की आज्ञा मानना, गुरूजनों के प्रति सम्मान आदि शामिल है।
• अपनी प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए अशोक ने जिस आचार संहिता को प्रस्तुत किया उसे उनके अभिलेखों में धम्म कहा गया है।
राहुलोवाद सुत्त में धम्म की परिभाषा दी गई है। धम्म के अंतर्गत पाप से निवृत्ति, विश्व कल्याण, दयादान, सत् और कर्मशुद्धि, पाप रहित होना, व्यवहार में मृदुता, प्राणियों का वध न करना तथा माता-पिता एवं बड़ों की आज्ञा मानना, गुरूजनों के प्रति सम्मान आदि शामिल है।
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भद्रबाहु
• सुप्रसिद्ध जैन आचार्य ।
• चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू ।
• जैन धर्म के दिगम्बर संप्रदाय के संस्थापक ।
'कल्पसूत्र' नामक जैन ग्रंथ की रचना की।
• इन्ही के साथ चंद्रगुप्त मौर्य श्रवणबेलगोला गए एवं संलेखना विधि से प्राण त्यागे ।
• सुप्रसिद्ध जैन आचार्य ।
• चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू ।
• जैन धर्म के दिगम्बर संप्रदाय के संस्थापक ।
'कल्पसूत्र' नामक जैन ग्रंथ की रचना की।
• इन्ही के साथ चंद्रगुप्त मौर्य श्रवणबेलगोला गए एवं संलेखना विधि से प्राण त्यागे ।
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Forwarded from MPPSC NIRMAN IAS MadhyaPradesh हिंदी (Sanjay Gupta)
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