कोरोना योद्धा सम्मान- 2020
कोविड-19 महामारी से इस समय संपूर्ण विश्व लड़ाई लड़ रहा है। इस महामारी में अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर सेवा दे रहे पटेल समाज के डॉक्टर, नर्स, समाजसेवी, प्रशासनिक अधिकारी, पत्रकारों सहित अन्य कोरोना योद्धाओं को AKM सम्मानित कर रहा है। अगर आपके नजर में ऐसा कोई व्यक्तित्व है जो इस समय कोविड-19 लड़ाई में अपना अहम योगदान दे रहा है तो, उन्हें AKM सम्मानित करेगा। हमारी संस्था को कोरोना योद्धा के बारे में जरूर बताएं। संपर्क करें:-
Only Whatsaap कीजिए !
1. +919468807697
2. +919413381171
3. +919828666702
नंबर को सेव कर दीजिए !
___________________________
Email : Support@anjanamultimedia.com
Website :
www.anjanamultimedia.com
Regards
©Anjana Multimedia
कोविड-19 महामारी से इस समय संपूर्ण विश्व लड़ाई लड़ रहा है। इस महामारी में अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर सेवा दे रहे पटेल समाज के डॉक्टर, नर्स, समाजसेवी, प्रशासनिक अधिकारी, पत्रकारों सहित अन्य कोरोना योद्धाओं को AKM सम्मानित कर रहा है। अगर आपके नजर में ऐसा कोई व्यक्तित्व है जो इस समय कोविड-19 लड़ाई में अपना अहम योगदान दे रहा है तो, उन्हें AKM सम्मानित करेगा। हमारी संस्था को कोरोना योद्धा के बारे में जरूर बताएं। संपर्क करें:-
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चाल चलन और ढंग ये शब्द एक दिन मैने जब शब्द कोष देखा तो सब के सब संस्कार व संस्कृती के परिवार से *बिलोंग* करते है।
"समय नही है साहब" ये शब्द आपको शायद हर दुकान पर मिलेगा। आप ज्यादा ना सोचे क्योकि यहा लोग सोच पर सवाल खङे करते है।।
अब कौन समझाये की सोच तो सोच है।
चलो हम फिर उलझ गए तो कैसे सुलझ जायेगे।
आज हम सब एक ऐसे स्थान पर खङे है कि जहां संस्कृती और संस्कार को लोग खरीदना चाहते है। एक वो जमाना था ये सब आशिर्वाद व दान मे मिलता था लेकिन कुछ नही कर सकते तरक्ककी हुई है ना साहब। हम सब प्रगती चाहते है , हम सब समाज मे बदलाव चाहते है। अब मुझे रहा न गया, बस बैठा था पुछ लिए बदलाव क्यो? जवाब था कि अब आधुनिक की दौङ है इस दौङ मे हमे दौङना है और सब हाथ पकङकर दौङना सरु कर दो। लेकिन दौङना किस दिशा मे है यह पता नही।
चलो टहलना बन्द करके मुद्दे पर आते है मै आपको पाठ नही पढा रहा हूं मै यह बता हूं कि बात संस्कृती व संस्कार की आये तो आप आधुनिकता के बङे कालेज मे दाखिला ना ले वहां आंधी शिक्षा मिलेगी व आपसे दुनियाभर के पैसे देना होगा। फिर आप कहेगे तो हमे यह शिक्षा तो चाहिए और हम संस्कारवान कैसे बन जायेगे।
तो शायद आप पहाङ की आग देखने वाले मुहावरे का शिकार हो जायेगे।
आज हर घर और गली मे वो संस्कती व संस्कार के स्पेशललिस्ट है लेकिन हम दुर भागते है क्योकि हमारे पास पैसा है और हम आधुनिक संस्कार व संस्कृती जो चाहते है।
चलो , फिर आप मुझे रायचन्द न कहलो उससे पहले मै बता देता हूं । आज अपने परिवार मे या समाज मे जो बङे बुजर्ग है वो भले ही आपके इस दौङ मे साथ नही दौङ पाते होगे लेकिन आपकी इस दौङ के गुण व दोष , नफा व नुकासान , दौङ की दशा व दिशा सब मालुम है।
मै भी भागता था एक बङा धावक बन कर लेकिन दौङकर भी अन्त मे जहां खङा होता वहा देखता तो आस पास कोई नजर नही आता फिर सोचता कि इतना तेज भागने के बाद भी क्यो सफल नही हुआ फिर अन्दर से आवाज आती थी कि किस दिशा मे दौङना था , कितना दौङना था , क्यो दौङना था यह आपने सोचा था या किसी का अनुभव मिला आपको तो फिर हार जाता था।
आँजणा मल्टीमीडिया नेटवर्क न संगठन है न संस्था। यह है अपने समाज की सोच , जो पिछले 4 - 5 साल से हर सोच की आकार व कला का माडल बनाता है। हमे वो आकार तैयार करना है जो दिखने मे अच्छा लगे व वो आकार वैज्ञानिक दृष्टी से हो।
साहब (श्री मंगलारामजी चौधरी , रिटायर्ड एडिशनल एस पी - जयपुर) का आशिर्वाद भी मिला हमे और हम बहुत खुश है कि अब हमारी डायरी और रंग से लिखी जायेगी।
बस सकारात्मक बात पर बङो को मोहर लग जाये तो प्रकृती भी मदमस्त हवा चलाती है और सुबह का छ: बजे वाला कलरव पक्षी क्यो नही गाते।
साहब के लिए मेरी दो लाईन
सोचता हु हर कागज पे आपकी तारीफ करु, फिर ख्याल आया कहीं पढने वाला भी आपका दिवाना ना जाएं........
एक लाईन मे क्या आपकी तारीफ लिखूं इसलिए ये लिखा कि पानी देखते ही प्यास का एहसास.........
मै AKM TEAM की तरह से साहब का एक बार स्वागत करता हूं और आशा करता हूं समय समय पर आपका आशिर्वाद मिलता रहे। हम जीत उसी को मानते है जिसके साथ बङे बुजर्ग व अनुभवी साथ खङे होते।
साहब को प्रणाम
राजेश्वर भगवान के चरणौ मे कोटी कोटी वंदन
बी एम की डायरी
सहयोगी
आंजणा मल्टीमीडिया नेटवर्क
सकारात्मक सोच जो चमक लेकर आए
follow us
www.anjanamultimedia.com
And all chennal a single name
ANJANA MULTIMEDIA
चाल चलन और ढंग ये शब्द एक दिन मैने जब शब्द कोष देखा तो सब के सब संस्कार व संस्कृती के परिवार से *बिलोंग* करते है।
"समय नही है साहब" ये शब्द आपको शायद हर दुकान पर मिलेगा। आप ज्यादा ना सोचे क्योकि यहा लोग सोच पर सवाल खङे करते है।।
अब कौन समझाये की सोच तो सोच है।
चलो हम फिर उलझ गए तो कैसे सुलझ जायेगे।
आज हम सब एक ऐसे स्थान पर खङे है कि जहां संस्कृती और संस्कार को लोग खरीदना चाहते है। एक वो जमाना था ये सब आशिर्वाद व दान मे मिलता था लेकिन कुछ नही कर सकते तरक्ककी हुई है ना साहब। हम सब प्रगती चाहते है , हम सब समाज मे बदलाव चाहते है। अब मुझे रहा न गया, बस बैठा था पुछ लिए बदलाव क्यो? जवाब था कि अब आधुनिक की दौङ है इस दौङ मे हमे दौङना है और सब हाथ पकङकर दौङना सरु कर दो। लेकिन दौङना किस दिशा मे है यह पता नही।
चलो टहलना बन्द करके मुद्दे पर आते है मै आपको पाठ नही पढा रहा हूं मै यह बता हूं कि बात संस्कृती व संस्कार की आये तो आप आधुनिकता के बङे कालेज मे दाखिला ना ले वहां आंधी शिक्षा मिलेगी व आपसे दुनियाभर के पैसे देना होगा। फिर आप कहेगे तो हमे यह शिक्षा तो चाहिए और हम संस्कारवान कैसे बन जायेगे।
तो शायद आप पहाङ की आग देखने वाले मुहावरे का शिकार हो जायेगे।
आज हर घर और गली मे वो संस्कती व संस्कार के स्पेशललिस्ट है लेकिन हम दुर भागते है क्योकि हमारे पास पैसा है और हम आधुनिक संस्कार व संस्कृती जो चाहते है।
चलो , फिर आप मुझे रायचन्द न कहलो उससे पहले मै बता देता हूं । आज अपने परिवार मे या समाज मे जो बङे बुजर्ग है वो भले ही आपके इस दौङ मे साथ नही दौङ पाते होगे लेकिन आपकी इस दौङ के गुण व दोष , नफा व नुकासान , दौङ की दशा व दिशा सब मालुम है।
मै भी भागता था एक बङा धावक बन कर लेकिन दौङकर भी अन्त मे जहां खङा होता वहा देखता तो आस पास कोई नजर नही आता फिर सोचता कि इतना तेज भागने के बाद भी क्यो सफल नही हुआ फिर अन्दर से आवाज आती थी कि किस दिशा मे दौङना था , कितना दौङना था , क्यो दौङना था यह आपने सोचा था या किसी का अनुभव मिला आपको तो फिर हार जाता था।
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साहब (श्री मंगलारामजी चौधरी , रिटायर्ड एडिशनल एस पी - जयपुर) का आशिर्वाद भी मिला हमे और हम बहुत खुश है कि अब हमारी डायरी और रंग से लिखी जायेगी।
बस सकारात्मक बात पर बङो को मोहर लग जाये तो प्रकृती भी मदमस्त हवा चलाती है और सुबह का छ: बजे वाला कलरव पक्षी क्यो नही गाते।
साहब के लिए मेरी दो लाईन
सोचता हु हर कागज पे आपकी तारीफ करु, फिर ख्याल आया कहीं पढने वाला भी आपका दिवाना ना जाएं........
एक लाईन मे क्या आपकी तारीफ लिखूं इसलिए ये लिखा कि पानी देखते ही प्यास का एहसास.........
मै AKM TEAM की तरह से साहब का एक बार स्वागत करता हूं और आशा करता हूं समय समय पर आपका आशिर्वाद मिलता रहे। हम जीत उसी को मानते है जिसके साथ बङे बुजर्ग व अनुभवी साथ खङे होते।
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निर्मल जी सर लाइव
https://youtu.be/Gj8BmgGiXvY
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100 रूपये का एक उत्तर | Online Prize Quiz #3 | All India Test Series #Indian Constitution and Polity
विडियो कॉंफ्रेसिंग के माध्यम से लाईव प्रश्नोत्तरी का यह कार्यक्रम डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव,अद्भुत व अद्वितीय प्रयोग है।
इस विडियो में उत्कर्ष के फाउंडर निर्मल गहलोत सर भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था विषय पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन 20…
इस विडियो में उत्कर्ष के फाउंडर निर्मल गहलोत सर भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था विषय पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन 20…